पार्वतीबाई गोखले विज्ञान महाविद्यालय समाज सेवा की प्रेरणा से उत्प्रेरित व्यक्तियों के त्याग, तपस्या एवं परिश्रम का परिणाम है। इनमें श्रद्धेय स्व. बाबासाहब गोखले अग्रणी व्यक्ति थे। उन्होंने संस्था के लिये अपने जीवन की सम्पूर्ण कमाई तो दान में दी ही, साथ ही जीवन पर्यन्त संस्था की उन्नति के लिये साधन जुटाने में लगे रहे। इस त्यागमय कार्य में प्रेरणा बिन्दु स्वर्गवासी पत्नी श्रमती पार्वतीबाई रहीं। अतः उनकी स्मृति में सन् 1941 में पार्वतीबाई गोखले विद्यालय, बाद में इन्टर कॉलेज (स्तर पर शिक्षण) प्रारम्भ हुआ।
Parvatibai Gokhale Vigyan Mahavidyalaya
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